dard shayari

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दिलों का जूनून ही है जो ज़िंदा बनाये रखता है dard shayari ,दिलों का जूनून ही है जो ज़िंदा बनाये रखता है ,गोया चंद साँसों की गुलामी है ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं ।
दिलों का जूनून ही है जो ज़िंदा बनाये रखता है dard shayari , गोया चंद साँसों की गुलामी है ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं । तर्क़ ओ ताल्लुक़ न तुझसे कोई
लफ़्ज़ की तासीर का अपना ही है सुरूर dard shayari, लफ़्ज़ की तासीर का अपना ही है सुरूर , कुछ बेमुराद क़ातिल ए असरार का है कसूर ।
लफ़्ज़ की तासीर का अपना ही है सुरूर dard shayari, कुछ बेमुराद क़ातिल ए असरार का है कसूर । लब पर नाम हो ख़ुदा का दिल में बंदगी हो रब की , इश
उनकी सगाई के तोहफ़े में हमने भी खार पाया है dard shayari, उनकी सगाई के तोहफ़े में हमने भी खार पाया है , वो आँसुओं में डुबोकर सगुन के बताशे बाँट आये हैं ।
उनकी सगाई के तोहफ़े में हमने भी खार पाया है dard shayari, वो आँसुओं में डुबोकर सगुन के बताशे बाँट आये हैं । दो एक सिक्कों से बच्चे
दाग़ सीने में थे लोग क़फ़न धोते रहे dard shayari, दाग़ सीने में थे लोग क़फ़न धोते रहे , आह भरती रही रूहें , मैय्यत में राज़ दफ़न होते रहे ।
दाग़ सीने में थे लोग क़फ़न धोते रहे dard shayari, आह भरती रही रूहें , मैय्यत में राज़ दफ़न होते रहे । दबा सकते हो मिटटी को मिटटी में तुम
दाग़ सीने में थे लोग क़फ़न धोते रहे dard shayari, दाग़ सीने में थे लोग क़फ़न धोते रहे , आह भरती रही रूहें , मैय्यत में राज़ दफ़न होते रहे ।
दाग़ सीने में थे लोग क़फ़न धोते रहे dard shayari, आह भरती रही रूहें , मैय्यत में राज़ दफ़न होते रहे । दबा सकते हो मिटटी को मिटटी में तुम
ज़िद थी रवायतों की dard shayari ,ज़िद थी रवायतों की ,गोया समंदर की लहरें कब साहिल पर ठहरी हैं ।
ज़िद थी रवायतों की dard shayari , गोया समंदर की लहरें कब साहिल पर ठहरी हैं । कितना झूठ है सच्चाई में , आज तू ग़ैर है मेरा न रहा । पलकों
ग़म ए रूख़्सती मिली तुझसे रुख़्सत होके dard shayari, ग़म ए रूख़्सती मिली तुझसे रुख़्सत होके , इस कदर मेरे ज़मीर पर बोझ बन पड़ी थी मोहब्बत तेरी ।
ग़म ए रूख़्सती मिली तुझसे रुख़्सत होके dard shayari . इस कदर मेरे ज़मीर पर बोझ बन पड़ी थी मोहब्बत तेरी । कभी फुर्सत मिले तो मेरे कूचे का भी
दीदा ए यार से आँखों को सुकून मिलता है dard shayari, दीदा ए यार से आँखों को सुकून मिलता है , रूह में अब भी एक प्यासा समंदर ठहरा हो जैसे ।
दीदा ए यार से आँखों को सुकून मिलता है dard shayari , रूह में अब भी एक प्यासा समंदर ठहरा हो जैसे । आँखों में किरकिरी सी बनके चुभती हैं
बर्बादी ए जश्न मनाने का शौक़ था dard shayari , बर्बादी ए जश्न मनाने का शौक़ था , हम दोनी खाली जाम लिए सारी रात गुनगुनाते रहे ।
बर्बादी ए जश्न मनाने का शौक़ था dard shayari , हम दोनी खाली जाम लिए सारी रात गुनगुनाते रहे । आदम ए ख़ुल्द की आदम से जंग होने को है ,
ज़िन्दगी की जी हज़ूरी तमाम उम्र dard shayari , ज़िन्दगी की जी हज़ूरी तमाम उम्र , मौत दरवाज़े पर दीवान बनकर हर वक़्त खड़ी है ।
ज़िन्दगी की जी हज़ूरी तमाम उम्र dard shayari , मौत दरवाज़े पर दीवान बनकर हर वक़्त खड़ी है । रोले ख़ुद के सीने पर सीना रख कर , पराये दर्द
गुलों के अर्क़ की ख़ुश्बू से तो बाज़ार सजा है dard shayari , गुलों के अर्क़ की ख़ुश्बू से तो बाज़ार सजा है , सब्ज़ बागों को जो उजाड़ा है वो गुनहगार कहाँ है ।
गुलों के अर्क़ की ख़ुश्बू से तो बाज़ार सजा है dard shayari, सब्ज़ बागों को जो उजाड़ा है वो गुनहगार कहाँ है ।रक़म रक़म के खिलौने की भरमार
ऊँची ऊँची इमारर्तों की जो कारीगरी है dard shayari , ऊँची ऊँची इमारर्तों की जो कारीगरी है, बदन से टपके लहू के संग बहते पसीने की सब कारगुज़ारी है । कूचा कूचा गुल ए गुलज़ार चमन है हरसू , तपती दोपहर मज़दूर का टपकता पसीना और लहू ।
ऊँची ऊँची इमारर्तों की जो कारीगरी है dard shayari , बदन से टपके लहू के संग बहते पसीने की सब कारगुज़ारी है । कूचा कूचा गुल ए गुलज़ार चमन
फटे पाँव की बेवाईयां न जलते सूरज का ख्याल dard shayari, फटे पाँव की बेवाईयां न जलते सूरज का ख्याल , जाने किस मिटटी से ख़ुदा ने तामीर ए मज़दूर किया ।
फटे पाँव की बेवाईयां न जलते सूरज का ख्याल dard shayari, जाने किस मिटटी से ख़ुदा ने तामीर ए मज़दूर किया । गर्मी ए ख़ाक में मिल जाए वो जज़्बात नहीं ,
रिन्द तो ख़्वामख़्वाह बदनाम हुआ है जाम ए मैकशी के बाद dard shayari, रिन्द तो ख़्वामख़्वाह बदनाम हुआ है जाम ए मैकशी के बाद , क्या लोग नहीं मरते इश्क़ में ख़ुदकुशी के बाद ।
रिन्द तो ख़्वामख़्वाह बदनाम हुआ है जाम ए मैकशी के बाद dard shayari,क्या लोग नहीं मरते इश्क़ में ख़ुदकुशी के बाद ।दास्तान ए इश्क़ गर ख़त्म हो जाती सेहर